1. 1954 में, अखिल भारतीय ग्रामीण ऋण सर्वेक्षण समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की । 2. ग्रामीण ऋण के लिए संगठित बाजारों को मुहैया कराने वाला अखिल भारतीय वेयरहाउस नेटवर्क प्लेटफार्म3. 1954 में, अखिल भारतीय ग्रामीण ऋण सर्वेक्षण समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की । 4. उन्होंने कहा है कि संशोधित बैंकिंग बिल को व्यवहार में लाने से मौजूदा ग्रामीण ऋण प्रणाली खत्म हो जाएगी। 5. किसानों की ऋण जरूरत बैंकिंग प्रणाली की क्षमता के अनुकूल नहीं है और यही पर ग्रामीण ऋण व्यवस्था में संस्थागत सुधार की आवश्यकता है। 6. ग्रामीण ऋण प्रणाली की तमान समस्याओं के चलते राज्य में बैंक ऋण के माध्यम से सिंचाई के क्षेत्र में पूँजी निर्माण नगण्य रहा है.7. इन संस्थाओं को सुदृढ़ बनाने हेतु ऐसे तरीके सुझाना, जिन्हें अपनाकर वे ग्रामीण ऋण के क्षेत्र में अपनी भूमिका पहले से अधिक कुशलतापूर्वक निभा सकें. 8. सांसद ने सरकार से आग्रह किया है कि बिल में इस तरह के परिवर्तन को प्रभावित करके ग्रामीण ऋण प्रणाली को बचाया जा सकता है। 9. 10, 000 नाबार्ड के लघु अवधि ग्रामीण ऋण कोष में करोड़ का योगदान 2011-12 अनुसूचित वाणिज्यिक द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र उधार में कमी से बैंकों. 10. 2001 में स्वयं सहायता समूहों द्वारा ग्रामीण ऋण का वितरण एक प्रतिशत से भी कम होता था किन्तु यह अगले चार वर्षों में 6 प्रतिशत पर पहुंच गया।